चंडीगढ़। कनाडा सरकार धोखाधड़ी, शोषण, दुर्व्यवहार और आवास के मुद्दों से निपटने के लिए 1 जनवरी से इंटरनेशनल स्टूडेंट्स फंड को 10 हजार डॉलर से बढ़ाकर 20,635 डॉलर करने जा रही है। कनाडा के इमिग्रेशन मंत्री मार्क मिलर ने नए नियमों के तहत कनाडा में पढ़ाई के लिए आने वाले इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के लिए जरूरी फंडिंग को दोगुना करने की घोषणा कर उन पर एक और बोझ डाल दिया है। गौरतलब है कि हर साल पंजाब से तकरीबन 1.50 लाख युवा कनाडा जाते हैं। ओटावा में पार्लियामेंट हिल पर एक संवाददाता सम्मेलन में इमिग्रेशन मंत्री मार्क मिलर ने कहा कि सरकार धोखाधड़ी, शोषण, दुर्व्यवहार और आवास के मुद्दों से निपटने के लिए ये कदम उठाने जा रही है। जिसके बाद विदेश में बसे पंजाबियों में रोष है।
कनाडा में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स का कहना है कि स्टूडेंट्स फंड को दोगुना करने से धोखाधड़ी, शोषण, दुर्व्यवहार और आवास की समस्याएं हल नहीं होंगी। इसके विपरीत, सरकार अपनी ज़िम्मेदारी से बच रही है और सारा बोझ इंटरनेशनल स्टूडेंट्स पर डाल रही है।
1.50 लाख के युवा होंगे प्रभावित
रिपोर्ट के मुताबिक, 'रिफ्यूजी एंड सिटिजनशिप कनाडा' (IRCC) ने 2022 में 2,26,450 वीजा अप्रूव किए थे। इनमें से लगभग 1 लाख 36 हजार वीजा पंजाबी छात्रों के अप्रूव हुए थे। ये स्टूडेंट वहां अलग-अलग कोर्सेस में 2 से 3 साल के लिए एडमिशन लेते हैं। कनाडा के इस फैसले के बाद हर साल विदेश जाने वाले तकरीबन 1.50 लाख पंजाबी युवाओं पर 6.20 लाख रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
पहले से ही लाखों रुपए खर्च करते हैं स्टूडेंट्स
छात्र पहले से ही आईईएलटीएस, एजेंटों की फीस, शैक्षिक पाठ्यक्रमों की महंगी फीस, जीआईसी, हवाई टिकट आदि पर लाखों रुपए खर्च करके कनाडा में पढ़ने आते हैं। अधिकांश छात्र शैक्षिक ऋण और अन्य ऋण लेकर विदेश में पढ़ने व रिसर्च करने आते हैं। अब नए नियमों के तहत यह कर्ज का बोझ और अधिक बढ़ जाएगा। जिससे छात्रों को कई मानसिक और आर्थिक कठिनाइयों से गुजरना पड़ेगा।
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Yashpal Sharma (Editor)